प्यारी बीवी
संता: जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मुझे बीवी इतनी प्यारी लगती थी कि मन करता था खा जाऊं!
बंता: और अब?
संता: खा ही जाता तो अच्छा था!
डैड: बेटा, बताओ जान कहां से निकलती है ?
बेटा: खिड़की से.
डैड: वो कैसे ?
बेटा: कल दीदी एक लड़के से कह रही थी – “जान, खिड़की से निकल जाओ.”
संता ने बॉस को मेसेज किया - बीमार हूं, ऑफिस नहीं आ सकता।
बॉस ने लिखा - जब मैं बीमार होता हूं तो अपनी वाइफ को किस करता हूं। तुम भी ट्राई करो।
दो घंटे बाद संता का जवाब आया - अब मैं बिल्कुल ठीक हूं। आपकी वाइफ बहुत अच्छी है। थैंक्स।
बीवी: जी, लड़कों का कॉमनसेंस बिलकुल जीरो होता है.
संता: क्यूं?
बीवी: अब देखो ना जेंटस टॉयलेट में लिख कर आएंगे “शालू आई लव यू” अब क्या शालू वहां पढ़ने जाएगी? बेवकूफ लड़के.
बीवी: जी, लड़कों का कॉमनसेंस बिलकुल जीरो होता है.
संता: क्यूं?
बीवी: अब देखो ना जेंटस टॉयलेट में लिख कर आएंगे “शालू आई लव यू” अब क्या शालू वहां पढ़ने जाएगी? बेवकूफ लड़के.
ट्रेन में खिड़की वाली सीट पर बैठी दो औरतें आपस में लड़ रहीं थीं, एक कहती की मुझे गर्मी लग रही हैं खिड़की का कांच खुला रहने दो, तो दूसरी कहती के उसे सर्दी लग रही हैं खिड़की बंद रहेगी। एक कांच ऊपर करती तो दूसरी उसे बंद कर देती लड़ाई, लड़ाई जब आपस में बाल खींचने तक पहुच गई, तब पास बैठे एक आदमी ने मका बाई काहे को लड़ रही होपहले देख तो लो खिड़की में कांच तो हैं ही नहीं।
संता: जब मेरी नई नई शादी हुई थी तो मुझे बीवी इतनी प्यारी लगती थी कि मन करता था खा जाऊं!
बंता: और अब?
संता: खा ही जाता तो अच्छा था!
डैड: बेटा, बताओ जान कहां से निकलती है ?
बेटा: खिड़की से.
डैड: वो कैसे ?
बेटा: कल दीदी एक लड़के से कह रही थी – “जान, खिड़की से निकल जाओ.”
संता ने बॉस को मेसेज किया - बीमार हूं, ऑफिस नहीं आ सकता।
बॉस ने लिखा - जब मैं बीमार होता हूं तो अपनी वाइफ को किस करता हूं। तुम भी ट्राई करो।
दो घंटे बाद संता का जवाब आया - अब मैं बिल्कुल ठीक हूं। आपकी वाइफ बहुत अच्छी है। थैंक्स।
बीवी: जी, लड़कों का कॉमनसेंस बिलकुल जीरो होता है.
संता: क्यूं?
बीवी: अब देखो ना जेंटस टॉयलेट में लिख कर आएंगे “शालू आई लव यू” अब क्या शालू वहां पढ़ने जाएगी? बेवकूफ लड़के.
बीवी: जी, लड़कों का कॉमनसेंस बिलकुल जीरो होता है.
संता: क्यूं?
बीवी: अब देखो ना जेंटस टॉयलेट में लिख कर आएंगे “शालू आई लव यू” अब क्या शालू वहां पढ़ने जाएगी? बेवकूफ लड़के.
ट्रेन में खिड़की वाली सीट पर बैठी दो औरतें आपस में लड़ रहीं थीं, एक कहती की मुझे गर्मी लग रही हैं खिड़की का कांच खुला रहने दो, तो दूसरी कहती के उसे सर्दी लग रही हैं खिड़की बंद रहेगी। एक कांच ऊपर करती तो दूसरी उसे बंद कर देती लड़ाई, लड़ाई जब आपस में बाल खींचने तक पहुच गई, तब पास बैठे एक आदमी ने मका बाई काहे को लड़ रही होपहले देख तो लो खिड़की में कांच तो हैं ही नहीं।
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